Wednesday, May 11, 2016
Saturday, May 07, 2016
ऊंडै अंधारै कठैई / डॉ. नीरज दइया
5/07/2016 | No comments |
डॉ. नन्दकिशोर आचार्य री टाळवी कवितावां / ऊंडै अंधारै कठैई
"ऊंडै अंधारै कठैई" (2016) संचै-अनुसिरजण : नीरज दइया
प्रकाशक : सूर्य प्रकाशन मन्दिर, बीकानेर- 334003, पाना : 120, कीमत : 200/-
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हिन्दी के यशस्वी कवि-आलोचक एवं नाटककार डॉ. नन्दकिशोर आचार्य की चुनिंदा कविताओं का कवि-अनुवादक डॉ. नीरज दइया द्वारा किया गया राजस्थानी अनुसृजन ‘ऊंडै अंधारै कठैई’ का लोकार्पण आगामी मंगलवार 10 मई को सांय 5.30 बजे स्थानीय नागरी भंडार स्थित महाराजा नरेन्द्र सिंह ऑडिटोरियम में होगा।
मुक्ति संस्था के सचिव कवि-कहानीकार राजेंद्र जोशी ने बताया कि लोकार्पण कार्यक्रम के अध्यक्ष शिविरा के पूर्व संपादक वरिष्ट कवि भवानी शंकर व्यास ‘विनोद’ तथा मुख्य-अतिथि केंद्रीय साहित्य अकादेमी नई दिल्ली के राजस्थानी परामर्श मंडल के संयोजक प्रख्यात कवि-आलोचक व नाटककार डॉ. अर्जुनदेव चारण होंगे। जोशी ने बताया कि मुक्ति संस्थान एवं सूर्य प्रकाशन मंदिर के संयुक्त तत्वाधान में होने वाले इस कार्यक्रम के स्वागताध्यक्ष केंद्रीय साहित्य अकादेमी से सम्मानित उपन्यासकार-कवि एवं नाटकार मधु आचार्य ‘आशावादी’ होंगे।
कार्यक्रम के समन्वयक कहानीकार-व्यंग्यकार बुलाकी शर्मा ने बताया कि कवि-आलोचक एवं अनुवादक डॉ. नीरज दइया ने प्रख्यात कवि-आलोचक डॉ. नन्दकिशोर आचार्य के अब तक प्रकाशित 14 विभिन्न कविता संग्रहों से चयनित कविताओं को राजस्थानी में प्रतिनिधि कविता संग्रह के रूप में प्रस्तुत किया है तथा लोकार्पण के अवसर पर मूल कवि डॉ. नन्दकिशोर आचार्य की उपस्थिति में वे चयनित कविताओं का पाठ करेंगे।
प्रकाशक डॉ. प्रशांत बिस्सा ने बताया कि लोकार्पित कविता संग्रह पर प्रसिद्ध कहानीकार-अनुवादक और हाल में केंद्रीय साहित्य अकादेमी के अनुवाद पुरस्कारा से सम्मानित डॉ. मदन सैनी समालोचनात्मक आलोचनात्मक पत्र वाचन करेंगे तथा कार्यक्रम में अनेक साहित्यकारों के अतिरिक्त नगर के गणमान्य सुधि जन उपस्थित रहेंगे। मुक्ति के कवि-कहानीकार राजेंद्र जोशी ने बताया कि राजस्थानी भाषा साहित्य एवं संस्कृति के ‘बापजी चतुरसिंहजी अनुवाद पुरस्कार’ से सम्मानित रचनाकार डॉ. नीरज दइया ने अब तक अनेक पुस्तकों का राजस्थानी अनुवाद किया है, जिनमें अमृता प्रीतम की पंजाबी काव्य-कृति कागद अर कैनवास, निर्मल वर्मा के हिंदी कहाणी संग्रह कागला अर काळो पाणी, भोलाभाई पटेल के गुजराती यात्रा-वृत देवां री घाटी के अतिरिक्त भारतीय की 24 भाषाओं के कवियों की कविताओं का संचयन और अनुवाद सबद नाद बेहद चर्चित रहा है। जोशी ने अधिकाधिक उपस्थिति से कार्यक्रम में सफल बनाने का आह्वान किया है।
डॉ. नीरज दइया की प्रकाशित पुस्तकें :
हिंदी में-
कविता संग्रह : उचटी हुई नींद (2013), रक्त में घुली हुई भाषा (चयन और भाषांतरण- डॉ. मदन गोपाल लढ़ा) 2020
साक्षात्कर : सृजन-संवाद (2020)
व्यंग्य संग्रह : पंच काका के जेबी बच्चे (2017), टांय-टांय फिस्स (2017)
आलोचना पुस्तकें : बुलाकी शर्मा के सृजन-सरोकार (2017), मधु आचार्य ‘आशावादी’ के सृजन-सरोकार (2017), कागद की कविताई (2018), राजस्थानी साहित्य का समकाल (2020)
संपादित पुस्तकें : आधुनिक लघुकथाएं, राजस्थानी कहानी का वर्तमान, 101 राजस्थानी कहानियां, नन्द जी से हथाई (साक्षात्कार)
अनूदित पुस्तकें : मोहन आलोक का कविता संग्रह ग-गीत और मधु आचार्य ‘आशावादी’ का उपन्यास, रेत में नहाया है मन (राजस्थानी के 51 कवियों की चयनित कविताओं का अनुवाद)
शोध-ग्रंथ : निर्मल वर्मा के कथा साहित्य में आधुनिकता बोध
अंग्रेजी में : Language Fused In Blood (Dr. Neeraj Daiya) Translated by Rajni Chhabra 2018
राजस्थानी में-
कविता संग्रह : साख (1997), देसूंटो (2000), पाछो कुण आसी (2015)
आलोचना पुस्तकें : आलोचना रै आंगणै(2011) , बिना हासलपाई (2014), आंगळी-सीध (2020)
लघुकथा संग्रह : भोर सूं आथण तांई (1989)
बालकथा संग्रह : जादू रो पेन (2012)
संपादित पुस्तकें : मंडाण (51 युवा कवियों की कविताएं), मोहन आलोक री कहाणियां, कन्हैयालाल भाटी री कहाणियां, देवकिशन राजपुरोहित री टाळवीं कहाणियां
अनूदित पुस्तकें : निर्मल वर्मा और ओम गोस्वामी के कहानी संग्रह ; भोलाभाई पटेल का यात्रा-वृतांत ; अमृता प्रीतम का कविता संग्रह ; नंदकिशोर आचार्य, सुधीर सक्सेना और संजीव कुमार की चयनित कविताओं का संचयन-अनुवाद और ‘सबद नाद’ (भारतीय भाषाओं की कविताओं का संग्रह)